https://chat.whatsapp.com/BwYwoKwXp56E4yHX3SiwRN
Whatsapp group New Indian comics sets
https://chat.whatsapp.com/JdXM8RkYzwBEHv2KgZUq0I
अस्वीकरण: इस रिपोर्ट के सभी पात्र और घटनाएँ.. यहां तक कि जो वास्तविक लोगों पर भी आधारित हैं, वे पूरी तरह से व्यंग्यपूर्ण (Satire) हैं और केवल हास्य के उद्देश्य से लिखे गए हैं और किसी को भी लेशमात्र ठेस पहुंचाना या नुकसान पहुंचाना इसका मकसद नहीं है। जिसे भी लगता है कि इस रिपोर्ट को संजीदगी से लिखा और पढ़ा जा रहा है और वो उस वजह से इससे अपमानित/कुपित हो रहा है अथवा महसूस कर रहा है, सर्वप्रथम तो वो इस पोस्ट को “Successfully Ignore” करे और जिन लोगों के इस व्यंग्य से प्रभावित होने की उसको आशंका है, उन लोगों से भी इस पोस्ट को इग्नोर करने की नसीहत दे.. क्यूंकि जिन लोगों को व्यंग्य और हास्य समझने की समझ नहीं है, हम नहीं चाहते कि वो लोग इसको पढ़ें और परेशान हों।
अब जो भी इसको पढ़कर कुपित होता है, वो अपनी खराब मनःस्थिति के लिए पूर्णतया स्वयं जिम्मेदार होगा!
#Controversies_of_the_week
#COTW
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!
सही मस्त बीते पिछले 2 हफ्ते.. कॉमिक-कॉन, शादी-पार्टियां, छोले-भठूरे, पिज़्जे-बर्गर…इन सब के साथ-2 थीं बेहिसाब भसड़ें, जिनको पहुँचा रहा हूं आज मैं आपके पास, इस दो हफ्तों के बुलेटिन के रूप में..
अब आप कहोगे कि भैय्या ये 2 दिन लेट काहे आ रहा है, तो बात ऐसी है कि दिल्ली में ठंड है बहुत ज़्यादा और मेरे पास कोई शीत नागकुमार तो है नहीं जो मेरे हाथों को लिखते वक़्त गर्म रखे, इसलिए कांपते हाथों से ये धीरे-2 लिख पाया हूँ… तो चलिए शुरू करते हैं!
पिछले से पिछला हफ्ता
1. क्या सुपरहीरोज़ के काम और जिंदगी को तार्किकता और यथार्थता की कसौटी पर कसा जा सकता है? ये पुराना सवाल एक बार फिर भक्क से उठ खड़ा हुआ, जब श्री Gaurav Bhatt ने डोगा के व्यावहारिक रूप से हो सकने पर ही सवालिया निशान खड़े करते हुए एक पोस्ट की, जिसके जवाब में उनको कई लोग समझाते दिखे कि अगर इतना ही व्यवहारिक होकर सोचना शुरू कर दें लोग हर चीज में तो 24 घण्टे के टीवी न्यूज चैनल तो बंद ही हो जाएं, WWE कोई देखे ना और लोग प्यार करना छोड़ दें। यहां तक भी ठीक था, लेकिन उस पोस्ट के कमेन्ट सेक्शन में डोगा की क्रिएटिव टीम के एक अभिन्न भाग श्री Vivek Mohan भी उतर आए और कुछ इस तरह से बोलते देखे गए कि डोगा दिल में आता है, समझ में नहीं!
2. कहते हैं बड़ा पेड़ गिरता है तो उसके आसपास के छोटे दरख्त भी नेस्तनाबूद हो जाते हैं और ऐसा ही हुआ, जब Comic Haveli की Raj Comics बेचना बंद करने की घोषणा के फलस्वरूप Comic Mafia ने भी RCSG और RCMG की कॉमिक्सें ना बेचने की घोषणा कर डाली। ये सुनते ही कॉमिक्स जनता के उन बाशिंदों की जान आफत में आ गई, जिन्होंने Comic Mafia के मनभावन वॉलेट ऑफर में पैसा ही सिर्फ इसलिए जमा करवाया था, ताकि वो RCSG और RCMG की कॉमिक्सें खरीद सकें, ये सोच-2 कर कि अब वो उनके वॉलेट के 217 रुपये का करेंगे क्या! हालांकि Comic Mafia ने ये वादा किया है कि वो RCMCG की कॉमिक्स बेचते रहेंगे, लेकिन वादे का क्या है, वादा तो टूट जाता है!
3. भारतीय कॉमिक्स जगत में पितामह भीष्म तुल्य स्थान रखने वाले आर्टिस्ट श्री Anupam Sinha ने जब सबको दिल्ली कॉमिक-कॉन के लिए एक पोस्ट के जरिए आमंत्रित किया तो कैडेट समाज को धक्का लगा (फिर से), क्यूंकि वो तो उनको सुपर कमांडो ध्रुव का पिता मानते हैं, लेकिन Sinha जी तसवीर में नागराज की कॉमिक्स हाथ में लिए नजर आए… कैडेट समाज के एक प्रतिनिधि ने हमें रुआँसे होकर बताया कि आखिर कब तक उनके कैप्टन के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहेगा.. मतलब इस बार तो Sinha जी तक पराया कर दिए, अब क्या बचा जिंदगी में?
4. एक बड़ा खुलासा हुआ, जब Comics India की बाइंडिंग अपडेट में तस्वीरें दिखीं RCSG के SCD के अँग्रेजी डाइजेस्ट के पन्नों की छपाई की, जिससे साफ-2 अंदेशा लग रहा है, कि RCMCG द्वारा मनोज कॉमिक्स के अकेले वितरक होने का तमगा छीने जाने के बाद उन्होंने RCSG के साथ हाथ मिला लिया है और दोनों एक ही प्रिंटर के रंग में रंगोली खेल रहे हैं। अब सवाल ये है कि आखिर वो मुआ लीगल नोटिस किसने भेजा था?
5. ज्यादा वक़्त नहीं हुआ है, जब प्री-ऑर्डर करके तरसते लोग RCMCG से ऑर्डर जल्दी पूरा करने की मांग करा करते थे तो RCMCG के खेमेबाज उन लोगों को ताना मारते थे, कि इतनी जल्दी है तो जाके महंगी वाली कॉमिक्स खरीदो… लेकिन जब दिनों का इंतज़ार बदला हफ्तों में और हफ्ते बदले महीने में और वो महीने बन गए कई महीने, तो अच्छे-2 खेमेबाजों के सब्र की कब्र खुद गई और ईमान डोलने लगा और दनादनाती हुई पोस्टें और कमेंट्स करे गए, कॉमिक्स दुनिया के उन मोहल्लों में भी, जहां कुछ दिन पहले RCMCG के नाम के चारणगीत गाए जाते थे….. पर आज आलम कुछ और है… क्या से क्या हो गया, बेवफा.. तेरी कॉमिक्स के इन्तेज़ार में!
6. हमारे ग्रुप के संस्थापक एड्मिन श्री Arch Wordsmith वैसे तो बड़े ही भले आदमी हैं, लेकिन जब इनका “अथा मांझी सटकली” मूड होता है, तो फिर ये एकदम Bull in a China Shop हो जाते हैं। इस बार China Shop बने उदीयमान लेखक श्री JoyRaj Sarma, जिनकी खता ये हुई कि उन्होंने The Village का किया रिव्यू और उन्हें भी उस फिल्म में उन्हीं फ़िल्मों की छाप दिखी, जो कि हमारे प्यारे डाक साब को दिखी थी और कई और लोगों को भी, लेकिन रिव्यू देखते ही डाक साब ने ऐलान कर दिया कि JoyRaj ने उनका रिव्यू चेप मारा है और जब Joyraj ने इस बात से असहमति जतायी, तो डाक साब ने उनकी मार ली और ऐसी मारी की खूनमखान लहुलुहान कर दिया, बिना उस आदमी को एक बार भी संशय का लाभ दिए। हालात ऐसे हो गए कि उनसे जुड़े हुए प्रकाशकों ने इस पूरे वाकये से अपना पल्ला झाड़ लिया और JoyRaj Sarma से Sarmah हो गए।
यही नहीं, अभी और सुनिए… इतना सब करने के बाद अगले दिन डाक साब बाकी लोगों से JoyRaj पर अनावश्यक दबाव ना डालने की अपीलें करते दिखे, एकदम 900 चूहे खाकर पू बनी पार्वती मोड में, जिसे देखकर कॉमिक्स जनता बस इतना ही कह पायी कि कट्टपा ने भी इस बेरहमी से बाहुबली की पीठ में तलवार नहीं घोंपी थी!
7. कहते हैं जुबान से निकली हुई बात, कमान से निकला तीर और SM पर की हुई पोस्ट, जिसका स्क्रीनशॉट लिया जा चुका हो, वापसी नहीं लिया जा सकता लेकिन शायद ये बात RCSG की SM टीम को पता नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक बैनर पोस्ट लगाया, जिसमें RCSG के सर्वेसर्वा श्री Sanjay Gupta, जिनकी प्रोफाइल पर “मैं कॉमिक्स हूं” लिखा नजर आता है, को “Father of Indian Comics” बता दिया गया। हालांकि इसको लेकर कुछ प्रबुद्ध पाठकों ने आपत्ति जताई ये कहते हुए कि ये उपाधि तो ACK वाले श्री Anant Pai या Diamond Comics wale Pran सर के लिए ज्यादा उपयुक्त होगी लेकिन RCSG SM टीम के हैदराबादी निज़ाम श्री Bhaskara G भी डट गए और बोले.. कह दिया ना… बस कह दिया… जिसमें उनका पूरा साथ दिया श्री Atush Rohan ने..
लेकिन एक बार फिर से वफा के बदले वफा नहीं मिल पायी, क्यूंकि Sanjay जी स्वयं आकर बोल दिए कि पोस्टर पर असल में “Father of Indian Superheroes” लिखा जाना था… और ये बात खुलते ही एक बार फिर RCSG की SM टीम के रणबांकुरे अपनी ही तलवार की धार पर शहीद हो गए!
रही सही कसर RCMG ने श्री Rajkumar Gupta को Father of Indian Superheroes बताकर पूरी कर दी, जिस चक्कर में अब Indian Superheroes की समझ में ही नहीं आ रहा कि उनको किसको पापा बोलना है!
पिछला हफ्ता
1. दिल्ली कॉमिक-कॉन के बाद भारतीय कॉमिक्स जगत में एक बहुत ही खुशनुमा माहौल फैला हुआ है… जैसे एक खुशनुमा सी खुमारी छाई हुई हो, जिसके चक्कर में कई बहके-2 दावे हुए, जिनमें से एक ये था कि कॉमिक-कॉन में शक्तिरूपा CE के CE का CE माने शक्तिरुपा CE के अद्वितीय स्केचों के संकलन वाली स्केचबुक की 3000 प्रतियां बिकी हैं। ये बात सुनकर कॉमिक्स जनता को शक्तिरूपा के आउट ऑफ स्टॉक होने के दावे तो याद आये ही, साथ ही उन लोगों के हरे घावों पर नमक और छिड़का गया, जिन्होंने केवल एक अद्वितीय स्केच के चक्कर में ही शक्तिरूपा यथारूप का CE खरीदा था!
2. RCMCG के सर्वेसर्वा श्री Manish Gupta के नाम में भले मन हो, लेकिन वो किसी काम में अपने मन की नहीं करते और उनके सारे फैसले कॉमिक्स जनता के मन के मुताबिक ही होते हैं, फिर चाहे वो पुराने डिज़ाइन वाले पोस्टर निकालना हो या जिग्सा पज़ल निकालना.. लेकिन जिन बातों के लिए वो कॉमिक्स जनता के मन को सीधे तौर पर नहीं समझ पाते, उस बात के लिए वो पोल करवा देते हैं। इस हफ्ते भी एक पोल के जरिए उन्होंने चुंबा सीरीज के संयुक्त CE के लिए कॉमिक्स जनता का मन जानना चाहा, लेकिन RCMG के युवराज श्री Ayush Gupta के कुशल नेतृत्व में उस पोल का वही हाल हुआ, जो आजकल ट्विटर पर Elon Musk द्वारा करवाए गए पोलों का हो रहा है! अब क्या होगा चुंबा के सयुंक्त CE का?
3. दिल्ली कॉमिक-कॉन में RCSG के स्वयंसेवकों के काम की काफी प्रशंसा हुई, और हमें अपने गुप्त सूत्रों से पता चला है कि RCSG की तरफ से उनको अच्छा खासा पारितोषिक मिला है और खूब सारा डिस्काउंट भी, लेकिन RCSG के गुप्त सूत्रों की तरफ से हमें बताया गया कि कुछ लोग स्वयंसेवक की खाल में केवल Cosplayers के साथ फोटुएं खिंचवाने और मशहूर WFH यूट्यूबर श्री Ashish Mourya के लिए वीडियो बनाने आए थे, जिस वजह से वो स्टॉल पर ढंग से काम नहीं किए और “मैंने झांपड़ मारा ध्रुव को” की सेल प्रभावित हुई, वहीं जब हमने दूसरी साइड का पक्ष जानना चाहा तो उनका कहना था कि स्वयंसेवा का तो मतलब ही स्वयं की मर्जी से सेवा होती है। इसी विवाद से बचने के लिए जब RCSG ने आगामी मुंबई कॉमिक-कॉन के लिए स्वयंसेवकों के आवदेन मंगाये तो नियम एकदम कड़े कर दिए गए और फॉर्म पर लिख दिया कि “नियम भंग तो पतन निश्चित” ताकि “स्वयं” सेवी लोग हतोत्साहित हों और आवेदन कम हों, लेकिन उसके बाद तो आवेदन इस तेजी से आने शुरू हुए कि Google Docs का सर्वर ही क्रैश होने को हो गया, जिसके चक्कर में अब आवदेन की अंतिम तिथि कम करनी पड़ गयी है!
4. दिल्ली कॉमिक-कॉन में रिलीज हुई RCMG की नयी पेशकश “क्यूँ है डोगा”.. अब कॉमिक्स तो जो थी सो थी, लेकिन कॉमिक्स के अंत में जो राज पृष्ठ है, उसे पढ़कर खरीदने वालों का एकदम “धोखा Round D Raj Prishth” हो गया क्यूंकि इस कॉमिक्स के पूरा होने की RCMG से तो बिना स्कैन के कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए पाठकों को RCMG से सीरीज पूरा होने की उम्मीदों को अफसोस अलविदा कर देना चाहिए!
5. पिछले कई दिनों से CoRe पर दो प्रतियोगिताएं चल रही हैं.. #CoReMemeVerse और #IndusVerse की … ऐसा मुझे बोलने को बोला गया है कि क्यूंकि अब CoRe टीम को ये आखिरी तरीका लगता है, कि इस कॉलम में इन प्रतियोगिताओं का नाम लिया जाए ताकि कॉमिक्स जनता इन प्रतियोगिताओं की तरफ ध्यान दें क्यूंकि फ़िलहाल तो ये लगभग मृतप्राय हैं!
मेरी कॉमिक्स जनता से गुजारिश है कि इन दोनों प्रतियोगिताओं पर अपनी नजरे इनायत करें, वर्ना तो मामला टांय-2 फिस्स ही है और इससे कॉमिक हवेली के प्रतियोगिता आयोजक मन ही मन काफी खुश हैं!
6. विज्ञान, जो लोग किताबों से सीखते हैं और कैडेट समाज ध्रुव की कॉमिक्सों से, की दुनिया में इस हफ्ते एक नया आविष्कार हुआ, कृत्रिम भ्रूण के जरिए बच्चा पैदा होने का, जिसे देखते ही श्री Anupam Sinha ने उस आविष्कार को अपनी कॉमिक्स के आइडिये से प्रेरित बता दिया और रॉयल्टी की मांग कर डाली एक मीम के जरिए, जिसे देखते ही कई कॉमिक्स प्रेमी ये हिसाब लगाना शुरू हो गए कि मार्बल-डीसी को कितनी रॉयल्टी जाएगी अगर उनको पता लग गया!
7. इस हफ्ते RCMG ने रिलीज किया ग्राफिक 2023 के कैलेंडर का, जिसकी थीम है कपल्स लेकिन जो कपल्स चुने हैं RCMG ने अपने कैलेंडर के पेजों के लिए, उसको देखते हुए कॉमिक्स जनता शुक्र मना रही है इस बात का कि जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है और ये काम RCMG के जिम्मे नहीं है!
8. इस हफ्ते रिलीज हुई Arc Comics की नयी पेशकश The Horror Tales, जो लोगों के हाथों में जब पहुंची तो प्रबुद्ध पाठकों ने ताड़ लिया कि कॉमिक्स में एक सिक्वेंस में “होली काउ” और “विवेक” शब्द प्रयोग किए हैं और फिर disclaimer और Ishan Nagpurwala के स्पष्टीकरण के बावजूद कोई मानने को तैयार नहीं हुआ कि ये केवल एक संयोग है और अनजाने में हुआ है… क्या है ना कि भोला यहां कोई नहीं है.. अब देखना ये है कि इस विवाद की क्या नई Arc निकलती है!
9. हंगामा है क्यूँ बरपा, कॉमिक्स ही तो रिव्यू की है… डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है!
कुछ ऐसा ही सोच रहे होंगे वो गुमनाम पाठक, जिन्होंने BullsEye की नयी पेशकश राज रहमान का एक खराब रिव्यू किया… जिस वजह से नए प्रकाशकों ने वो हौलनाक मंज़र देखा, जो पुराने प्रकाशक काफी समय से देखते आए हैं यानी कि उनकी कॉमिक्स के खराब रिव्यू..वो एक गुमनाम रिव्यू क्या आया, कॉमिक्स जगत में घमासान छिड़ गया और कमाल तो ये था कि बजाय इस पर बात होने के कि रिव्यू के गुण-दोष क्या है और वो कितना तथ्यपरक है, बहस इस पर हो रही थी कि वो गुमनाम आदमी कौन है, उसने कॉमिक्स खरीद कर पढ़ी है या रॉबिनहुड के सौजन्य से या फिर उसके पीछे क्या एजेंडा है या नए प्रकाशकों को हतोत्साहित करने की ये कोई चाल है! कॉमिक्स की क्रिएटिव टीम पर सवाल उठाने वालों को नयी कॉमिक्स का दुश्मन करार दे दिया गया, बिना ये सोचे कि इस दुनिया में किसी का भी किया हुआ कोई भी काम सवालों और आलोचना से परे नहीं है और दुनिया की कोई भी अनुपम से अनुपम कृति भी निष्कलंक नहीं हो सकती!
कॉमिक्स जगत इस रिव्यू के चक्कर में कई फाड़ हो गया और सबकी अपनी-2 समस्याएं थीं लेकिन अंत तक ये पता नहीं लग सका कि क्या ज़्यादा गलत है: गुमनाम पोस्ट डालना या अपने नाम से पोस्ट/कमेंट डालकर पिलायी होने के बाद डिलीट कर देना!
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें…
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!
Topics
#CoReMemeVerse
#COTW
https://chat.whatsapp.com/BwYwoKwXp56E4yHX3SiwRN
Whatsapp group New Indian comics sets
https://chat.whatsapp.com/JdXM8RkYzwBEHv2KgZUq0I
Leave a Reply