1st week #Controversies_of_the_week

Written by  on January 5, 2023 

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अस्वीकरण: इस रिपोर्ट के सभी पात्र और घटनाएँ.. यहां तक ​​कि जो वास्तविक लोगों पर भी आधारित हैं, वे पूरी तरह से व्यंग्यपूर्ण (Satire) हैं और केवल हास्य के उद्देश्य से लिखे गए हैं और किसी को भी लेशमात्र ठेस पहुंचाना या नुकसान पहुंचाना इसका मकसद नहीं है। जिसे भी लगता है कि इस रिपोर्ट को संजीदगी से लिखा और पढ़ा जा रहा है और वो उस वजह से इससे अपमानित/कुपित हो रहा है अथवा महसूस कर रहा है, सर्वप्रथम तो वो इस पोस्ट को “Successfully Ignore” करे और जिन लोगों के इस व्यंग्य से प्रभावित होने की उसको आशंका है, उन लोगों से भी इस पोस्ट को इग्नोर करने की नसीहत दे.. क्यूंकि जिन लोगों को व्यंग्य और हास्य समझने की समझ नहीं है, हम नहीं चाहते कि वो लोग इसको पढ़ें और परेशान हों।
अब जो भी इसको पढ़कर कुपित होता है, वो अपनी खराब मनःस्थिति के लिए पूर्णतया स्वयं जिम्मेदार होगा!
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!
दिन, महीने, बदले साल, नहीं बदला तो कॉमिक्स जगत का हाल,
मिला भसड़ों में कॉमिक्सों से ज्यादा मनोरंजन, चलता रहा सिलसिलेवार बवाल..
जारी रखते हैं पिछले साल की गौरवशाली प्रथा, इस साल भी साल के पहले COTW में, भसड़ पुराण बांचकर.. तो आइये बांचे:
1. पिछले हफ्ते शुरू हुआ AI Art का बवाल इस हफ्ते भी मचता रहा, क्यूंकि श्री Anurag Singh ने फिर से अपने “आर्ट” वाली पोस्टें RCSG के ग्रुप पर डालीं, जिसका मकसद वाहवाही लूटना ही हो सकता था हालांकि उन्होंने इसका भी पूरा ध्यान रखा कि कोई और ये वाहवाही ना हासिल कर पाए, इसलिए CoRe एड्मिन श्री Rajat mulayam hath wale के ऐसे “आर्ट” वाली पोस्टें उन्होंने RCSG ग्रुप के मॉड होने की शक्तियों का पूरा इस्तेमाल करते हुए डिलीट कर दीं, ताकि गलती से भी गफलती लोगों को पता ना चल जाए कि वो “आर्ट” उन्होंने नहीं AI ने बनाया है। लेकिन फिर RCSG खेमे के ही आर्टिस्ट श्री Dildeep Singh ने गागर में सागर भरने जैसी एक पोस्ट की और “भाइचारे” का हवाला दिया, जिसके बाद शायद श्री Anurag Singh थोड़े भड़क गए और भरी सभा में ऐसे शब्दों का प्रयोग करते पाए गए, जो उस इंसान को शोभा नहीं देता बिल्कुल, जिसके ग्रुप का नाम “Comics Culture” हो.. उनके कहने का लब्बोलुआब कुछ यूं था कि वो तो “फैन आर्ट” बना रहे थे और जलने वाले लोग वो कर रहे हैं जिसको सभ्य भाषा में मुझे गणिका रूदन लिखना पड़ रहा है। लेकिन ये भी गौरतलब है कि उसके बाद उन्होंने अपने तथाकथित “फैन आर्ट” को अपने Comics Culture ग्रुप पर ही पोस्ट करना शुरू कर दिया है और वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने तो AI की मदद से कॉमिक्स तक बना कर पोस्ट कर डाली, शायद ये संदेश देने के लिए कि भविष्य में AI ही Comics का Culture होगा।समस्या सिर्फ एक थी.. Comics Culture ग्रुप के नियमानुसार कोई भी “फैन आर्ट” वगैरा पोस्ट नहीं किया जा सकता लेकिन चलो, श्री Anurag Singh एड्मिन हैं वहाँ के.. अब एड्मिन होकर भी बंदा अपने खुद के ग्रुप में अपनी मनमानी ना कर सके और नियमों की ऐसी-तैसी ना फ़ेर सके तो फायदा ही क्या है!
2. कॉमिक्स जनता को याद होगा कि सर्वसमर कॉमिक्स को लेकर काफी बड़ा बवाल हुआ था जब RCSG की तरफ से दावा किया गया था कि RCMG ने उनके द्वारा पूरी करवायी गई कॉमिक्स चेप कर प्रिंट कर दी है, लेकिन उस दावे की सत्यता की परख नहीं हो पा रही थी क्यूंकि प्रेस से लगभग 2 महीने पहले आ जाने की बात और “अभी बहुत झटके आयेंगे” के दावे के बावजूद RCMG की सर्वसमर सेलरों को भेजी नहीं जा रही थी… जानकार लोगों का तो यहां तक मानना था कि कहीं RCMG की सर्वसमर पूर्णतया श्री Anupam Sinha के आर्टवर्क से पूरी ना की जा रही हो, जिसकी वजह से RCMG खेमा इतने आत्मविश्वास से लबरेज़ था… लेकिन अंततः पिछले हफ्ते एकदम सीमित मात्रा में RCMG ने अपनी सर्वसमर कुछ सेलरों को भेजी, जो कि केवल कुछ पाठकों तक पहुँच पाई और फिर एकदम OOS हो गई, जिसके चलते शक्तिरुपा यथारूप का सबसे तेजी से OOS होने का रिकॉर्ड टूट गया।
लेकिन जब RCSG और RCMG की सर्वसमर का मिलान किया गया और तसवीरें आयीं तो फिर से साबित हुआ कि रिलीज करने में हुई देरी के कारण जितने कमाल की उम्मीद RCMG से लगायी जा रही थी, वो एकदम बेजा थीं क्यूंकि दोनों कॉमिक्स बिल्कुल एक जैसी हैं, सिर्फ कुछ चीजों को छोड़कर जिसमें से एक तो साइज़ है, RC साइज़ शुद्धतावादियों को खुश करने के लिए और बाकी के बारे में बताना स्पॉइलर की श्रेणी में आ जायेगा! हाँ इतना कहा जा सकता है कि सब ने पाइरेटेड गेम्स खेली हैं, पाइरेटेड फ़िल्में भी देखी हैं, पाइरेटेड किताबें भी पढ़ीं हैं, बस पाइरेटेड प्रिंटेड कॉमिक्स देखना बचा था, वो भी देख लिया!
बस हैरानी की बात ये है कि सिर्फ कवर कॉपी होने की बात पर रौला पा देने वाली RCSG की SM टीम ने कुछ किया नहीं है अभी तक.. लेकिन उनका भी क्या दोष, कोई AI Art को फैन आर्ट बोलकर कॉमिक्स जनता के लाईक्स बटोरने में व्यस्त है, कोई कॉमिक-कॉन की थकान उतारने में, कोई शक्तिरूपा के भागों की को-एडिटिंग में और कोई अपने गुडी बैग का सामान पूरा ना मिलने का दुख मनाने में!
3. हाल ही में लगी RCSG की नववर्ष सेल का प्रचार किया गया RCSG के पेज पर खूब पोस्ट वगैरा करके, लेकिन लगता है कि पोस्ट पर ग्राफिक लगाने का काम किसी इन्टर्नजीत या नोटिस पीरियड में काम करने वाले कर्मी को दिया गया था, क्यूंकि कुछ भी चल रहा था… जैसे नागायण की सेल की पोस्ट पर क्लासिक ध्रुव के मैग्नेट स्टिकर की फोटू, राजनगर रक्षक की सेल की पोस्ट पर साइड से भी साइड कैरेक्टर नताशा की फोटू, ध्रुव के लोगो को डार्क स्टार ध्रुव बना देना, आतंकहर्ता नागराज की कॉमिक्स की सेल की पोस्ट पर क्लासिक नागराज की फोटू आदि, लेकिन हद तो तब हुई जब हॉरर कॉमिक्स की सेल की पोस्ट पर एक तमिल फिल्म “The House Next Door” का पोस्टर ही चस्पा कर दिया, जिसे देखकर CoRe के सिंगापुर रिटर्न एड्मिन श्री Abhishek Mishra, जो पहले से ही दिल्ली कॉमिक-कॉन में डोगा बॉबलहेड के 1400 रुपये देके आने और अगले दिन वही बॉबलहेड 800 रुपये में बिकता देख RCSG से खार खाए बैठे थे, को अपनी खुंदक निकालने का मौका मिला और उन्होंने झट से उस पोस्ट के कमेन्ट बॉक्स में लिख दिया कि ये तो फिल्म का पोस्टर है, यहां क्यूँ चिपका रहे हो.. परिणामस्वरूप पहले तो उनका कमेंट डिलीट हुआ और बाद में पोस्ट भी… आखिर कब छोड़ेंगे श्री Abhishek Mishra प्रकाशकों पर धौंस जमाना?
4. पिछले हफ्ते Swaymbhu Comics की तरफ से रिलीज़ किया गया उनकी आगामी कॉमिक्स का कवर आर्ट, जो कि कॉमिक्स जनता को काफी पसन्द आया लेकिन जुम्मा चुम्मा चार दिन पहले मैदान में उतरी Radiant Comics के सर्वेसर्वा श्री Himanshu Singhal ने उस कवर की तारीफ तो की, लेकिन उनका ध्यान Radiant Comics को भारतीय कॉमिक्स में कवर पेजों को visually stunning बनाने की शुरुआत करने वाली कॉमिक्स कम्पनी होने का श्रेय देने पर अधिक था, जिसको लेकर श्री Kailash Rajput हत्थे से उखड़ गए और उन्होंने सभ्य भाषा में उन्हें कुछ ऐसा कहा जिसका अभिप्राय कुछ ऐसा निकला कि “अंडे में से तो निकल लो पहले”। हालांकि श्री Himanshu Singhal ने नए बने सेलिब्रिटियों वाला दांव खेलने की कोशिश की ये कहकर कि उनकी बात का मतलब वो नहीं था और जो था वो श्री Bhupinder Thakur Superunique समझ गए हैं, लेकिन ये दांव भी उल्टा पड़ गया जब श्री Bhupinder ने उनकी बात समझ आने से भरी सभा में साफ-2 इंकार कर दिया कुछ इस अंदाज में जैसे बोलना चाह रहे हों कि बचकोदी तो आप कर रहे हैं भूषण भाई!
लेकिन अब बात हाथ से निकल चुकी थी क्यूंकि श्री Kailash Rajput ने बाकायदा एक पोल ही करवा डाला सबसे visually stunning कॉमिक्स कवर का, जिसमें Radiant Comics की दिव्यकवच कॉमिक्स के किसी भी कवर को एक भी वोट नहीं मिला। इसके बाद वही हुआ जो ऐसे मौकों पर अक्सर होता है और श्री Himanshu Singhal भी EVM फ्रॉड है वाला जुमला पेल दिए और ये भी कहते पाए गए कि क्यूंकि ज्यादातर लोग RC पढ़ते हैं इसलिए उनके सृष्टि के सर्वप्रथम Visually Stunning कॉमिक्स कवर को एक भी वोट नहीं मिला, हालांकि वो बात अलग है कि RCSG की क्यूँ है डोगा, जिसके आने का कुछ अता-पता नहीं है और सेट-5 जैसा हाल होने की संभावना जतायी जा रही है, के कवर को भी एक भी वोट नहीं मिला है।
जैसे ये घटनाक्रम हुआ, उसको देखते हुए ऐसे आसार हैं कि Radiant Comics का उल्लेख यहां नियमित रूप से होता रहेगा!
5. एक डिस्काउंट सेल RCMG की तरफ से भी आयी 25 टका ऑफ की, जिसके चलते वो PraViTaRa, जिसके प्री-ऑर्डर डिस्काउंट को लेकर काफी हंगामा हुआ था, वो भी बहुत ही सस्ते दामों पर उपलब्ध करायी गयी और RCMG की कॉमिक्सें हर बार प्री-ऑर्डर पर खरीदने वालों को फिर से एहसास दिलाया गया कि वो गधे हैं! साथ ही RCMG ने घोषणा की एक और नागायण डाइजेस्ट वेरिएंट की, क्यूंकि कॉमिक्स जगत में बस उसी की कमी थी, साथ ही RCMCG पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वो होगी सबसे सस्ती नागायण, वो यही नहीं रुके और उन्होंने पुनरुत्थान, कुत्तापंती और बोदी वाला थानेदार के कॉम्बो, जिसको कॉमिक्स दुनिया में सेट-5 के कुख्यात नाम से जाना जाता है, को भी लिस्ट किया स्पेशल डिस्काउंट पर ये बोलकर कि जो लोग इसका इन्तेज़ार कर करके थक चुके हों, वो इसको उनसे खरीद सकते हैं!
लेकिन असली घोषणा तो आयी आधार श्रृंखला की, जिसमें RCMG ने राज कॉमिक्स की प्रथम 8 कॉमिक्स, जिनके PB काफी संख्या में बच गए थे, पर चमकदार गत्ता लगाकर CE के रूप में कॉमिक्स जनता के सामने पेश किया। हालांकि कॉमिक्स जनता का सवाल था कि क्या इसमें भी “कनकपुरी की राजकुमारी” का एक पन्ना कम होगा, जिसको अलग से चिपकाकर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक इसका जवाब आया नहीं है, ना भविष्य में आने की उम्मीद है!
6. पिछले हफ्ते श्री Anupam Sinha द्वारा पोस्ट की गई एक पुरानी तसवीर, जिसमें वो और तीनों गुप्ता बंधु एक साथ दिख रहे थे। जिसे देखते ही जनूनी टाइम मशीन में बैठकर उस पुराने समय में वापसी जाने को आतुर दिखे जब RC एक थी और कॉमिक्स सस्ती थीं, वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग थे, जो इस षडयंत्र सिद्धांत को हवा देते दिखे कि ये आने वाले समय में तीनों RC के एक होने का संकेत है और भविष्य में कॉमिक्सें फिर सस्ती होंगी।
लेकिन हकीकत क्या है, ये फ़िलहाल कोई नहीं जानता और ये भी हो सकता है कि वो सिर्फ एक मासूम तस्वीर हो जो ऐसे ही पोस्ट कर दी गई हो… लेकिन फिर उसमें क्या मजा?
7. पिछले हफ्ते के COTW में जो RCMCG पर सेट 5 को लेके लिखा गया, उससे शायद RCMCG वाले बेहद कुपित हो गए (इतने बड़े Disclaimer के बाद भी) और शायद इसलिए उन्होंने अपने संयम का ढक्कन खोलकर ताबड़तोड़ पोस्टों से अपना ग्रुप भरना शुरू कर दिया और देदनादन सब पर पिलाई कर दी! पहले उन्होंने बताया कि सेट-5 की 2 कॉमिक्स आयेंगी पहले और कुत्तापंती उसके 10 दिन बाद, हालांकि किसी ने आज तक RCMCG से पुनरुत्थान या कुत्तापंती का कुछ भी अपडेट नहीं देखा है, फिर उन्होंने खुद को सबसे पहले बिग साइज कॉमिक्स निकालने का श्रेय दिया बिना ये याद किए कि RC में फाइटर टोड्स की कॉमिक्स के जमाने से बिग साइज़ कॉमिक्स निकल रही है, फिर कहा कि बाकी RC वाले भी उनकी देखादेखी मेटैलिक प्रिंट निकालने की सोच रहे हैं बिना ये सोचे कि अभी तो उनके खेमे के ही कई लोग मेटैलिक प्रिंट के पक्ष में नहीं हैं और केवल गिने-चुने अच्छे रिव्यू आये हैं, फिर कहा कि कई महीनों की मेहनत लगी ये मेटैलिक प्रिंट नाम का मुजस्सिमा कॉमिक्स जनता तक लाने में, बिना ये बताए कि इसकी मांग आखिर किस मेंटल ने की थी!
यहां तक कि खुद की सेट-5 सात महीने से भी अधिक समय तक ना ला पाने की नाकामी पर अफसोस करने के बजाय RCMG की उन कॉमिक्सों पर सेल लगाने पर भड़कते देखे गए और जब कॉमिक्स जनता के कुछ लोगों, जिनके अंदर आत्मसम्मान बचा हुआ था, ने उनसे उनके दावों और उनके काम में जमीन आसमान का अन्तर होने पर सवाल उठाए, तब उनके कमेंट उड़ा दिए गए और उनको ग्रुप से भी ब्लॉक/म्यूट कर दिया गया क्यूंकि RCMCG में भी “निंदक दूरे राखिए” सिद्धांत चलता है, लेकिन बात यहां तक नहीं रुकी, क्यूंकि उनके ग्रुप के कुछ गुप्तरोगी लोगों, जिनकी जिंदगी का मकसद ही स्क्रीनशॉट इधर-उधर करना है, ने दूसरी जगहों पर RCMCG की आलोचना करते हुए कॉमिक्स जनता के बाशिंदों की खबर वहां तक पहुंचाई, जिसके फलस्वरूप वो भी मुक्ति के पात्र बन गए! लेकिन RCMCG के खेमेबाज भी कोई बहुत खुश नहीं हैं, जिसका पता लगा CoRe एड्मिन श्री lalit paliwal, जो कि RCMCG के धुर खेमेबाज हैं, के एक तथ्यपरक कमेंट को डिलीट किए जाने से, जिससे दुखी होकर श्री Rakesh Sarna RCMCG पर निशाना साधती हुई एक चौपाई लिखते देखे गए, जिसकी प्रतिक्रिया में RCMCG की तरफ से आलोचकों को गधा चाटने वाला बता दिया गया! देखना ये होगा कि ऋषभ पंत और उर्वशी रौतेला जैसा सोशल मीडिया वाला ड्रामा कब तक चलता है?
बाकी मंजर ये रहा कि एक हफ्ते में 25-30 पोस्टें और सैकड़ों कमेंट तो कर दिए और दुनिया भर की कॉमिक्सें लाने की बातें लेकिन तमाम दावों के बावजूद कॉमिक्स पूरे हफ्ते में एक भी ना ला पाए जिसे देखते हुए कॉमिक्स जनता ने बस यही कहा कि अगर कॉमिक्स लाना भी पोस्ट कमेंट करने जितना ही आसान होता तो आज RCMCG वाले Disney को खरीद रहे होते, लेकिन जिन्होंने पूरे साल में अपनी खुद की प्रिंटिंग होते हुए 73 जैसी बड़ी संख्या में रीप्रिंट्स निकालना मुमकिन किया हो, उनकी नीयत पर संदेह नहीं करना चाहिए!
इसी वजह से DC मार्बल वालों के दफ्तरों में अफरा-तफरी का आलम है ये सोच सोच कर कि इस मेटैलिक प्रिंट की कॉमिक्स नाम की मुसीबत का सामना कैसे करेंगे क्यूंकि ये तकनीक पूरे विश्व में या तो RCMCG के पास है या शादी पार्टी के कार्ड बनाने वालों के पास..
जहां एक तरफ वित्त मंत्रालय में गहन चर्चा इस बात पर चल रही है कि RCMCG की मेटैलिक प्रिंट वाली कॉमिक्स पर GST 12% लगाया जाए या 18% वहीं RCMCG के कुछ ग्राहकों ने भविष्य में आने वाली मेटैलिक प्रिंट की कॉमिक्सों की बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए मैग्नेटिक फील्ड वाली स्टोरेज का ऑर्डर कर दिया है…
लेकिन उन लोगों का दुख किसी के पल्ले नहीं पड़ रहा जो सस्ती कॉमिक्स के वादे पर आए थे खेमे में, लेकिन अब गत्ते के 70/- से 120/- रुपये देने को मजबूर हैं और कॉमिक्स मिल नहीं रही सो अलग.. इससे करारा तमाचा तो नहीं मारा जा सकता उन बेचारों के गाल पर!
उधर अमर प्रेम के CE ऑर्डर करने वाली कॉमिक्स जनता के अलग दुख दर्द कष्ट पीड़ा और संताप है, क्यूंकि उनकी वाली कॉमिक्स का तो RCMCG की पोस्टों में नाम तक नहीं नजर आता और कमेंट बॉक्स में उनकी गुहार को ऐसे इग्नोर किया जाता है जैसे सर्दियों में लोग नहाने को! और उस पर तुर्रा यह कि लोगों के ढेर सारे पैसे प्री-ऑर्डर लगवाकर ब्लॉक करवाने के बाद अब RCMCG की तरफ़ से ये बोला जा रहा है कि प्री-ऑर्डर तो सेलरों की तरफ से लगाया जाता है और उनकी मानें तो प्री-ऑर्डर करना ही क्यूँ है.. बेचारे ग्राहक, करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या!
बाकी एक बात समझ नहीं आयी, क्या छोले भटूरे खाकर स्टारबक्स की कॉफी पीने पिज़ा थिएटर जाया जा सकता है?
अब देखना यह है कि अगला COTW पहले आता है या RCMCG की अगली कॉमिक्स!
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें…
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!

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Category : cotw

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